महाशिवरात्रि में भगवान भोलेनाथ से जुड़ी इन रोचक बातों को आपको एक बार अवश्य जान लेना चाहिए 

महाशिवरात्रि 2025 

महाशिवरात्रि भगवान शिव के सम्मान में मनाई जाती है। यह दिन विशेष रूप से शिव की पूजा, उपवासी और साधना के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

शिवरात्रि का महत्व

महाशिवरात्रि पर भक्त रात्रिभर जागते हैं और शिव की पूजा करते हैं, ताकि उनकी आत्मा शुद्ध हो और वे मोक्ष की प्राप्ति कर सकें।

रात्रि जागरण

इस दिन लोग उपवासी रहते हैं और विशेष रूप से फलाहार (फल और पानी) करते हैं।

व्रत का पालन

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की विशेष पूजा की जाती है, जिसमें दूध, जल, शहद, गंगाजल, और बेलपत्र अर्पित किए जाते हैं।

शिवलिंग पूजा

महाशिवरात्रि पर चार विशेष संस्कार होते हैं - पवित्र स्नान, पूजा, व्रत, और रात्रि जागरण।

चार महासंस्कार

मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था।

शिव का विवाह:

महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का अर्धनारीश्वर रूप भी पूजनीय होता है, जो पुरुष और स्त्री के मिलन का प्रतीक है।

अर्धनारीश्वर रूप:

भगवान शिव के वाहन नंदी बैल की भी पूजा की जाती है, जिसे उनकी शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।

नंदी की पूजा

इस दिन का महत्व आध्यात्मिक उन्नति और आत्मा के शुद्धिकरण के रूप में भी माना जाता है।

आध्यात्मिक उन्नति: