Kedarnath Dham Mandir Uttarakhand : हिमालय की गोद में बसा भगवान शिव का निवास

Kedarnath Dham Mandir Uttarakhand

केदारनाथ धाम Kedarnath Dham Mandir भारत के सबसे पवित्र और प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है, जिसे भगवान शिव को समर्पित किया गया है। यह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है और हिमालय की गोद में समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है और चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। इस मंदिर का इतिहास, आध्यात्मिक महत्व और प्राकृतिक सौंदर्य इसे दुनिया भर के भक्तों और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाते हैं।

केदारनाथ Kedarnath Dham Mandir

केदारनाथ मंदिर का इतिहास

आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में इस मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, महाभारत के युद्ध के पश्चात पांडवों ने भगवान शिव से मोक्ष प्राप्ति हेतु क्षमा मांगनी चाही। लेकिन भगवान शिव उनसे रुष्ट थे और भैंसे का रूप लेकर केदार क्षेत्र में छिप गए। जब भीम ने उन्हें पहचान लिया तो शिवजी धरती में समा गए और उनका पीठ भाग केदारनाथ में प्रकट हुआ। यही स्थान आगे चलकर केदारनाथ धाम के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

केदारनाथ मंदिर की वास्तुकला

Kedarnath Mandir कत्यूरी शैली में बना हुआ है। मंदिर का गर्भगृह, मंडप और प्रवेश द्वार सभी पत्थरों से बने हैं। मंदिर के शिखर पर सोने की परत चढ़ी हुई है, जो सूर्य की रोशनी में चमक उठती है। मंदिर के अंदर भगवान शिव का ज्योतिर्लिंग स्थापित है, जो एक त्रिकोणीय आकार में है।

there is Kedarnath temple in between mountains

मंदिर के मुख्य भाग:

  • गर्भगृह (मुख्य पूजा स्थान)
  • मंडप (जहां श्रद्धालु एकत्र होते हैं)
  • नंदी की प्रतिमा (प्रवेश द्वार पर स्थित)

केदारनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व

The black coloured Kedarnath jyotirlinga is placed on a silver coloured seat and ॐ is written on it Kedarnath Dham Mandir
  1. ज्योतिर्लिंग के रूप में महत्व: केदारनाथ भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसी मान्यता है कि यहां दर्शन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  2. पंच केदार में प्रमुख: केदारनाथ पंच केदार (केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर और कल्पेश्वर) में सबसे प्रमुख है।
  3. चार धाम यात्रा का हिस्सा: बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री को मिलाकर चार धाम यात्रा पूरी होती है।
  4. महाभारत से जुड़ी कथा: मान्यता है कि पांडवों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यहां तपस्या की थी।

केदारनाथ मंदिर Kedarnath Dham Mandir की यात्रा

केदारनाथ की यात्रा Kedarnath dham Yatra अत्यंत कठिन है, लेकिन भक्तों की आस्था इसे सरल बना देती है। यात्रा का मार्ग निम्न प्रकार है:

केदारनाथ कैसे पहुंचें? Kedarnath dham Uttarakhand

  • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा देहरादून का जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है, जो केदारनाथ से 239 किमी दूर है।
  • रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (216 किमी) और हरिद्वार (250 किमी) हैं।
  • सड़क मार्ग: ऋषिकेश, हरिद्वार या देहरादून से बस या टैक्सी द्वारा गौरीकुंड पहुंचा जा सकता है। गौरीकुंड से केदारनाथ की पैदल यात्रा शुरू होती है, जो लगभग 16 किमी लंबी है।

यात्रा के दौरान सुविधाएं

  • पैदल यात्रा: पैदल चलने वालों के लिए रास्ते में चाय-नाश्ते की दुकानें और रेस्ट हाउस उपलब्ध हैं।
  • घोड़े और पालकी: कमजोर या वृद्ध यात्री घोड़े, खच्चर या पालकी की सहायता से यात्रा कर सकते हैं।
  • हेलीकॉप्टर सेवा: फूलों की घाटी (सितंबर-सीरीज) और फिर हेलीकॉप्टर द्वारा केदारनाथ पहुंचा जा सकता है।

2013 की आपदा और केदारनाथ का पुनर्निर्माण

जून 2013 में उत्तराखंड में आई भीषण बाढ़ और भूस्खलन ने Kedarnath Mandir को भारी नुकसान पहुंचाया था। मंदिर के आसपास का पूरा क्षेत्र तबाह हो गया था, लेकिन मंदिर का गर्भगृह सुरक्षित रहा। इसके बाद भारत सरकार और उत्तराखंड सरकार ने मिलकर केदारनाथ को पुनर्जीवित किया। आज यह मंदिर पहले से भी अधिक भव्य रूप में खड़ा है।

Kedarnath Dham Kedarnath Dham Mandir

केदारनाथ मंदिर खुलने और बंद होने का समय

केदारनाथ मंदिर Kedarnath Mandir अप्रैल-मई में खुलता है और नवंबर में बंद हो जाता है। सर्दियों में भगवान केदारनाथ की पालकी ऊखीमठ ले जाई जाती है, जहां छह महीने तक पूजा होती है।

आस-पास के दर्शनीय स्थल Kedarnath dham Uttarakhand

  1. भीम शिला – 2013 में आई बाढ़ के समय इस विशाल शिला ने मंदिर को बचाया था।
  2. वसुकि ताल – मंदिर से 8 किमी दूर एक सुंदर झील।
  3. भीरव मंदिर – केदारनाथ के रक्षक देवता का मंदिर।
  4. गौरीकुंड – देवी पार्वती की तपस्थली।

निष्कर्ष

Kedarnath dham Yatra न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि प्रकृति प्रेमियों के लिए भी स्वर्ग है। यहां की यात्रा मन को शांति और आत्मा को पवित्रता प्रदान करती है। अगर आप भी आध्यात्मिक यात्रा का अनुभव लेना चाहते हैं, तो केदारनाथ धाम जरूर जाएं।

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