जानिए आध्यात्मिक और एतेहासिक शहर वाराणसी के बारे में

 आध्यात्मिक शहर वाराणसी

वाराणसी Varanasi, जिसे बनारस और काशी के नाम से भी जाना जाता है, भारत की सबसे प्राचीन नगरियों में से एक है। ये नगरी सिर्फ अपने मंदिरों और घाटों के लिए ही नहीं, बल्कि अपने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए भी प्रसिद्ध है। इस ब्लॉग में हम आपको आध्यात्मिक शहर वाराणसी के प्रमुख घुमने की जगहों के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं जिससे आपको वाराणसी का संक्षिप्त में विवरण पता चल सके।

वाराणसी के ऐतिहासि जगहों का संग्रह जिसमें सभी फोटो को एक साथ रखा गया है

 

वाराणसी के प्रमुख जगहों की लिस्ट

  • काशी विश्वनाथ मंदिर
  • दशाश्वमेघ घाट
  • अस्सी घाट
  • संकट मोचन हनुमान मंदिर
  • सारनाथ
  • मणिकर्णिका घाट
  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू)
  • रामनगर किला
  • गोदौलिया मार्केट
  • स्थानीय भोजन: बनारस का स्वाद
  • भारत माता मंदिर

 1. काशी विश्वनाथ मंदिर

 काशी विश्वनाथ मंदिर को बनारस की शान कहा जाता है। ये शिवजी 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग है और इस मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर का महत्व इसी बात से पता चलता है कि यहां हर रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करते हैं, इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है और यहां आपको भगवान भोलेनाथ जी के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा, जो कि अविश्वमरणीय है ।

 स्थान:विश्वनाथ गली, गोदौलिया

 मुख्य विशेषताएं: मंदिर का सूना सोना शिखर और शिवलिंग का दर्शन।

 यहां का सुबह और शाम का आरती अनुभव करना एक अलग ही आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।

काशीविश्वनाथ मंदिर जिसमें बीच में गोल्डन रंग का मंदिर है उसमें झंडा लगा हुआभाई और ऊंचे ऊंचे मंदिर हैं यहां पर

 

 2.दशाश्वमेघ घाट

 गंगा के किनारे स्थित दशाश्वमेध घाट वाराणसी के सबसे प्रमुख घाटों में से एक है। यहां पर शाम को गंगा आरती होती है जिसमें हजारों की संख्या में लोग उपस्थित रहते है और गंगा आरती का अद्वितीय दृश्य का आनंद प्राप्त करते हैं, शाम के समय आरती का नजारा बड़ा ही मनोरम लगता है। यहां पर आप नाव की सवारी भी कर सकते हैं, लोग यहां पर गंगा नदी में अस्थि विसर्जन करने आते हैं जो कि नाव से नदी के बीच में विसर्जित करते हैं।

 दशाश्वमेध घाट में मुख्य आकर्षण: यहां की गंगा आरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है। शाम के समय दीपक और मंत्रोच्चारण के साथ मनोरम दृश्य देखने का सौभाग्य ।

 आप यहां नाव की सवारी लेकर गंगा का सुंदर दृश्य देख सकते हैं।

दशाश्वमेघ घाट में बहुत सारे लोग है जो घाट पर नहा रहें हैं और यहां पर बहुत सारे मंदिर हैं

 

3. अस्सी घाट

आध्यात्मिक शहर वाराणसी में अस्सी घाट पर आपको एक अलग ही शांति का अनुभव होगा। ये योग और ध्यान के लिए एक मशहूर जगह है। इस घाट का इतिहास बहुत पुराना है क्योंकि इसका आध्यात्मिक महत्व सुरों से ही रहा है। यहां सुबह और शाम के समय आरती का मनोरम दृश्य आपको देखने को मिलेगा।

 अस्सी घाट के मुख्य विशेषताएं: सुबह की आरती और “सुबह के समय बनारस” का अनुभव लें। यहां योग और संगीत का सम्मेलन होता है जो प्रत्येक व्यक्ति के मन को शांत करने का अवसर देता है।

अस्सी घाट में एक मंदिर है और उसके सामने नदी है जिसमें boat है

 

4.संकट मोचन हनुमान मंदिर

 संकट मोचन मंदिर श्री हनुमान जी को समर्पित है और यहां प्रार्थना करने से सारे संकट दूर हो जाते हैं। इस मंदिर का निर्माण तुलसीदास जी ने कराया था पर यहीं पर प्रभु हनुमान जी ने उनको दर्शन दिए थे।इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो भी भक्त यहां पर जाकर सच्चे मन से हनुमान जी से कुछ भी प्रार्थना करते हैं, भगवान उनके सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। मंगलवार और शनिवार को यहां पर भक्तों की सबसे ज्यादा भीड़ होती है।

अस्सी घाट के मुख्य आकर्षण: मंदिर के बेसन के लड्डू और वहां पर भगवान हनुमान जी का दर्शन।

 यहां की शांति और भक्ति भावना आपके मन को सुकून देगी।

संकट मोचन हनुमान मंदिर में हनुमान भगवान की प्रतिमा है जो भगवा रंग से रंगी हुई है

5. सारनाथ

 वाराणसी के पास स्थित सारनाथ एक ऐसी जगह है जहां गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। ये स्थान बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां पर आपको हिन्दू और बौद्ध धर्म का एक अनोखा संगम मिलेगा। यहां पर आपको सम्राट अशोक और इतिहास से जुड़ी बहुत सारे चीजें देखने को मिलेंगे। यहां पर आपको धमेख स्तूप,अशोक स्तंभ,मूलगंध कुटी विहार,सारनाथ संग्रहालय,हिरण उद्यान (मृगदाय वन) देखने को मिलेंगे।

 सारनाथ के मुख्य विशेषताएं: धमेख स्तूप, चौखंडी स्तूप, और सारनाथ संग्रहालय,हिरण उद्यान, मूलगंध कूटी।

 इतिहास और संस्कृति में रुचि रखने वाले यहां जरूर जाएं।

सारनाथ में बहुत सारे मठ दिख रहें है जिसमें कुछ छोटे छोटे है और कुछ बड़े मठ हैं

6. मणिकर्णिका घाट

 मणिकर्णिका घाट वाराणसी के सबसे प्राचीन और मुख्य अंतिम संस्कार स्थलों में से एक है। इस घाट को जन्म और मृत्यु के रहस्यों को जानने का घाट कहा जाता है। इस घाट को मुख्य रुप से हिंदू धर्म में शवों के अंतिम संस्कार करने के बारे में जाना जाता है, इसे महाश्मशान घाट भी कहा जाता है। यहां के बारे में बहुत सारे कहानियां भी मशहूर है जो कि आपको वहां जाने पर सुनने को मिलेगा।

 मणिकर्णिका घाट के मुख्य आकर्षण: ये घाट मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है। यहां आके जीवन और मृत्यु के रहस्य का एक अलग ही दृष्टिकोण मिलता है। यहां आपको मणिकर्णिका कुंड,अंत्येष्टि क्रिया और मणिकर्णिका महाश्मशान नाथ मंदिर देखने को मिलने वाले हैं।

मणिकर्णिका घाट में लोग शवों को आग से जला रहें हैं

  7.बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू)

आध्यात्मिक शहर वाराणसी में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय भारत का एक प्रसिद्ध शिक्षा संस्थान है। इसे काशी हिन्दू विश्वविद्यालय भी कहा जाता है। यहां के विश्वनाथ मंदिर और परिसर की हरियाली देखने लायक है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को मेडिकल, इंजीनियरिंग और समाज शास्त्र का रिसर्च सेंटर भी कहा जाता है। यह शिक्षण संस्थान लगभग 1300 एकड़ में फैला हुआ है यहां आपको एक बार अवश्य जाना चाहिए।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मुख्य विशेषताएं: भारत कला भवन संग्रहालय में अदभुत कलाकृतियां और इतिहास को देखने अवसर प्राप्त करें।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सामने हरि हरि घास है और कुछ पेड़ लगे हुए हैं और कॉलेज बहुत बड़ा दिखाई दे रहा है

  8.रामनगर किला

 रामनगर किला गंगा के किनारे स्थित एक पुराना किला है जो बनारस के राजाओं ने बनवाया था, इसका निर्माण राजा बलवंत सिंह ने किया था इसके बाद वहां के नरेशों ने इसकी सुंदरता को निखारा, इस महल में भारतीय और मुगल वास्तुकला का उदाहरण मिलता है। किले के अंदर संग्रहालय और अस्तबल भी है। साथ ही वहां पर सुंदर राम भगवान को समर्पित एक राम मंदिर है जिसमें भगवान राम, मारा सीता लक्ष्मण और हनुमान जी की प्रतिमाएं रखी हुई है।

 रामनगर किले की मुख्य विशेषताएं: किले के अंदर का संग्रहालय, जहां आपका हथियार, पुरानी हस्तलिखित पांडुलिपियां और राजा-महाराजाओं के समय के समान देखने को मिलते हैं।

रामनगर किला के बीच में एक बगीचा है और किला की दीवारें ऊंची ऊंची हैं

9. गोदौलिया मार्केट

 शॉपिंग और बनारसी साड़ियां खरीदने के लिए गोदौलिया मार्केट एक बार जरूर जाएं। यहां की छोटी गलियां बनारस के स्थानीय स्वाद और संस्कृति का दर्शन कराती हैं। इस मार्केट की बनारसी साड़ियां और यहां का पान बहुत प्रसिद्ध है पूरे भारत भर में।

 यहां के मुख्य खरीदारी: बनारसी साड़ी, पान, और इत्र।

गोदौलिया मार्केट का चौराहा है

 10. स्थानीय भोजन: बनारस का स्वाद

 वाराणसी Varanasi जाने पर अगर आप वहां के खाने का स्वाद नहीं ले पाए तो सफर का मजा अधूरा सा लगेगा। यहां कुछ प्रसिद्ध व्यंजन हैं जैसे कचौड़ी और सब्जियां, टमाटर चाट यहां की प्रसिद्ध मलाई और बनारसी पान।

 11. भारत माता मंदिर

 भारत माता मंदिर की स्थापना सन् 1936 में किया गया था।ये एक अनोखा मंदिर है जो किसी देवी-देवता को नहीं, बल्कि भारत माता को समर्पित है। इस मंदिर को भारत के स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों को भी समर्पित है।भारत माता मंदिर भारतीय राष्ट्रीयता और एकता का प्रतीक है।

वाराणसी का भारत माता मंदिर हैं जो बहुत ऊंची है और इसकी दीवारें सफेद रंग में रंगी हुई हैं

यात्रा के लिए सर्वोत्तम समय

 वाराणसी Varanasi घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच होता है जब मौसम सुहाना होता है और त्योहारों का आनंद भी ले सकते हैं।

 यात्रियों के लिए कुछ विशेष सुझाव

  1.   सुबह के समय नाव की सवारी लेना ना भूलें।
  2.   लोकल रिक्शा और पैदल चलकर घूमने का मजा अलग है।
  3.  मंदिर और घाटों पर सफाई का ध्यान रखें और स्थानीय संस्कृति का सम्मान करें।

 निष्कर्ष Conclusion

 वाराणसी Varanasi एक ऐसी जगह है जो आपके मन, तन और आत्मा को एक अलग ही शांति का अनुभव कराती है। चाहे आप भक्ति के लिए आएं, संस्कृति को समझने के लिए या बस एक अलग सफर के लिए बनारस जाएं, बनारस आपको कभी निराश नहीं करेगा। अपने जीवन में आप एक बार अवश्य इस पवित्र नगरी की यात्रा करें ये सफर आपके जीवन का सर्वोत्तम सफर में से एक होने वाला है। यहां पर आपको आध्यात्मिक शांति के साथ साथ गंगा नदी में स्नान करने का अवसर प्राप्त होगा ।

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